प्यासी मकान मालकिन को चोदा जी भर के

मकान मालकिन का मदमस्त बदन, क्या माल है यार! क्या बताऊँ आपको! उम्र 46 है, लेकिन मोटी नही है। पूरी स्लिम शरीर, मोटे मोटे चूचे जो भी देखे वो देवाना हो जाए!गांड तो पूछो ही मत! देखते ही लण्ड खड़ा हो जाए! गोरा बदन, मस्त गाल, रसीले होंठ, कमर तक लंबे बाल मुआहह! एक मस्त माल!उस दिन जब मैं मेरा काम करके नीचे कुछ लेने गया। तब आंटी ने पूछा- क्या हुआ सैंडी? आज कॉलेज नही गए!मकान मालकिन की चुदासी इरादे मैंने कहा- नही! कुछ असाइनमेंट का काम था।आंटी ने कहा- तुम्हारा काम हो गया हो, तो एक एक कॉफी हो जाए।मैंने कहा- ठीक है!हमने कॉफी ली और इधर उधर की बातें करने लगे। उस दिन! आंटी मुझे कुछ अलग ही नज़र से देख रही थी। मेरे तरफ देखते हुआ अपनी जाँघें मसल रही थी।

मैं भी आंटी को पाटने की कोशिश करने लगा। उनकी चूचियों की ओर देखने लगा। तभी! मेरे मोबाइल पर एक दोस्त का फ़ोन आया तो, मैं वहाँ से चला गया।वापस आकर सीधा ऊपर अपने कमरे में चला गया। अंकल ने हमारे लिए पहला तल्ला पर जाने के लिए, रास्ता मकान की पीछे से की है।उनके हॉल की सीढ़ी सीधे मेरे बेडरूम के दरवाजे तक आती है लेकिन हम बाहर से बंद कर लेते हैं।मकान मालकिन का चुदासी होनामैं जब ऊपर गया दरवाजा खोला कर मेरे बेडरूम की तरफ बढ़ा तो मुझे कुछ आवाज़े सुनाई दे रही थी।अंदर जाकर देखा! तो आंटी मेरे बेड पर लेटकर अपनी साड़ी ऊपर करके एक हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही है। दूसरा हाथ देखा! तो उसमें मेरी चड्डी थी वो उसे सूंघ रही थी।वो मुझे देख कर हैरान हो गई!

वो अपनी साड़ी ठीक करते हुए खड़ी हो गई। यह देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए थे!।मैंने कहा- आंटी! यह क्या है? आप यहाँ क्या कर रही हैं?मकान मालकिन ने चोदने को बोलाआंटी – सैंडी, प्लीज़! मुझे गलत मत समझो! मैं चुदाई की भूखी हूँ। तुम इसमें मेरी मदद कर सकते हो प्लीज़! मेरी चुदाई कर दो! मुझे जम कर चोद दो! आह! मैं तो जैसे स्वर्ग में था!ऐसी पटाका माल! को हाथ से कैसे जाने देता! मैं आंटी के करीब गया! उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपने चूचियों पर रखा।मैं उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा। वो मुझे अपनी ओर दबोच रही थी। मैं उन्हें गाल पर, गर्दन पर, माथे पर किस करने लगा!वह कह रही थी- ओह्ह! चूमो मेरी जान! ओह्ह्ह! चूमो मुझे! उम्म्म! एम्म! 10 मिनट चूमने के बाद मैंने उनकी साड़ी उतार दी। अब वह सिर्फ ब्लाउज और साये में थी।

चूचियों के रसपान का मजामैं ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूचियों दबा रहा था! तो उन्होंने कहा- जान! मेरी चूचियों को पियो! पूरी पी जाओ!मैंने कहा- थोड़ा इंतज़ार करो! जानेमन!मैं चूचियों को दबाते दबाते अपने घुटनों पर आ गया। वह खड़ी थी और मैं अपने घुटनों पर था। मेरे हाथ अभी भी उसकी चूचियों को मसल रहे थे!मेंरे सामने उनकी नाभि थी। मैं उसे ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा। वह सिसकारियाँ निकालने लगी- अहह! मेरी जान! ओफ्फ्फ! मेरी जान! ओस! हाँ! ऐसे ही!मैं अपने हाथों से उनके ब्लाउज के बटन खोलते गया और अपनी ज़ुबान से उनका पेट चाटता गया।उन्होंने अपना ब्लाउज उतारकर! मुझे ऊपर खींच लिया और अपनी ब्रा के हुक खोल दिए। उनकी एक चूची पकड़ने के लिए मुझे दोनों हाथों की ज़रूरत पड़ी! मैं एक एक करके उन्हें चूसता गया!अब आंटी ने कहा- अब मेरी बारी! उन्होंने मेरे कपड़े उतारकर मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई ।

मुझे चूमने लगी! फिर मेरे गर्दन पर चूमते हुए नीचे जाने लगी! फिर उन्होंने मेरी चड्डी उतार कर फेंक दिया।नाजुक होंठों से लण्ड चुसाई का मजाआंटी मेरे लण्ड को देखकर बेहद खुश हो गई! और मेरे लण्ड को हाथ में पकड़कर बोली- वाह! तुम्हारा लण्ड तो बहुत बड़ा है!आज तो बहुत मज़ा आनेवाला है। आहाह! मुझे तुम्हारा लण्ड बहुत पसंद आया! और वो मेरे लण्ड को चूसने लगी। क्या बताऊँ दोस्तो! क्या मज़ा आ रहा था!ऐसा लगता था! कि आंटी लण्ड चूसने की माहिर खिलाड़ी हैं!कुछ देर बाद! मेरा लण्ड चूसने के बाद आंटी खड़ी हो गई। और अपनी साये को उतारकर लेट गई। अब मैं उनके ऊपर था! उनकी पैन्टी की ऊपर से ही, उनकी चूत को मसल कर रहा था।मकान मालकिन की चिकनी चूत आंटी चिल्लाने लगी- आहा! मेरी जान! उफ्फ्फ! चोद दो मुझे! फाड़ दो मेरी चूत को! मैं उनकी पैन्टी धीरे धीरे उतारने लगा! आहा! क्या चूत थी! बिल्कुल चिकनी! और सफाचट!

मैं धीरे धीरे उनकी चूत को मसलते हुए उंगली डालने लगा! वो हल्के से आहा! उम्म! ओह्ह! करने लगी।उन्होंने मुझे खींच के अपने ऊपर ले लिया और मेरे लण्ड को पकड़कर अपने चूत पर लगा कर बोली- अहहाह! मेरी जान! अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता! अब चोदो मुझे! फाड़ मेरी चूत! अपने मोटे लण्ड से!चिकनी चूत में लण्ड से धक्कापेल चुदाईमैंने आंटी के दोनों पैर अपने कंधों पर लेकर अपना लण्ड आंटी के चूत पर लगाने लगा! फिर मैंने एक ज़ोर का ज़टका लगाया मेरा आधा लण्ड आंटी के चूत में चला गया।आंटी के मुँह से एक हल्की सी चीख निकली- आह! मार गई! आअहह! मैं आंटी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा! मैं लण्ड पूरा बाहर निकल रहा था, और पूरा अंदर डाल रहा था।आंटी को बहुत मज़ा आ रहा था! फिर मैंने आंटी के पैर को फैला दिया और उनकी चूचियों को दबाने लगा। थोड़ी देर बाद! मैं नीचे आ गया और आंटी मेरे ऊपर आ गई।अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैं – आह! कणिका जानेमन! ओफ्फ्फ! मेरी कुतिया! हाँ! ऐसे ही!आंटी- ओह्ह्ह! मेरी जान! हाँ! ऐसे ही! आज से! तुम ही मेरे पति हो! ओह्ह्ह! उम्म्म्म! अब तुम्हें रोज चोदना पड़ेगा मुझे! आआहह! ओह! हाँ!

मैं – हाँ! कणिका जानेमन! आज से तू मेरी रंडी है! हर रोज चोदूंगा तुझे। तेरी चूत की सारी खुजली मिटा दूँगा मैं! अहाहा! और ज़ोर से ओह्ह्ह! और ज़ोर से!अब मैं भी नीचे से चुदाई करने लगा। सारे रूम में हमारी चीखें गूँज रही थी। कुछ देर बाद मैंने आंटी से कहा- मेरा पानी निकालने वाला है!आंटी ने कहा- मैं भी ज़डने वाली हूँ! फिर कुछ 10-12 ज़ोर ज़ोर के धक्को के बाद हम दोनों का पानी नकल गया। आंटी आधे घंटे तक मेरे ऊपर लेटी रही।मैंने पूछा- क्यों कणिका जानेमन! मज़ा आया?आंटी – हाँ! जान! बहुत मज़ा आया! बहुत दिनों के बाद ऐसी चुदी हूँ! सच में बहुत मज़ा आया! आई लव यू सैंडी!मैं – आई लव यू टू कणिका! उसके बात मैंने आंटी को कई बार अलग अलग पोज़िशन में अलग अलग स्टाइल में चोदा।आंटी मुझे बुला कर अपनी चुदासी हरकतें दिखाने लगी! और हद तो तब हुआ, जब वो मेरे बेड पर मेरे चड्डी को सूंघ रही थी! और अपनी चूत में उंगली कर रही थी! यह सब देख मेरा लौड़ा खड़ा हो गया! और जब मैंने उनसे पूछा, तो वो मुझे चोदने के लिए कहने लगी और के इस कहानी में मैंने उनकी चूत की चुदाई कर उनकी भूख को शांत किया|